Saturday, 23 July 2016

संकीर्ण राष्ट्रवाद और जम्मु कश्मीर तथा भारत पर इसके दुष्परिणाम

संकीर्ण राष्ट्रवाद और जम्मु कश्मीर तथा भारत पर इसके दुष्परिणाम

    
 बीते कुछ समय से देश एक अजीब सी विडंबना से रूबरू हुआ है। कश्मीर घाटी हो या जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सामाजिक कार्यकर्ता हो, विद्यार्थी हो या राजनीतिक हर कोई राष्ट्रीयता और आजादी की नई परिभाषा की खोज को आंदोलन की शक्ल दे रहा है। अपनी राष्ट्र भक्ति साबित करने के क्रम में, विरोधियों को देशद्रोही प्रमाणित करने की होड़ है और सस्ती लोकप्रियता की लालच ने मीडिया की भी पक्षपाती और गैर – जिम्मेदार बना दिया है ।

  

     इस संकीर्ण राष्ट्रवाद का दुष्परिणाम आज जलती हुई कश्मीर घाटी में दिखने लगा है। अलगाववाद तथा उग्रवाद से त्रस्त कश्मीर आज राष्ट्र की मुख्यधारा से दुर होता दिख रहा है। शोरगुल, भड़काऊ बयानबाजी और राष्ट्रभक्ति के सवालों के बीच, ये खेदपूर्ण परिस्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब वर्षों के सतत प्रयास के पश्चात लग रहा था की अमन – औ - चैन के फूलों से घाटी की वादियाँ फिर से गुलजार हो जाएँगी।

  


     राष्ट्रीय स्तर पर भी समाज में विभाजन तथा विघटन आ रही हैं और किसी न किसी मुद्दे को तूल देकर अल्पमत या विरोध के स्वर को दबाने में लग गई हैं। बापू ने अपने सपनों के भारत में देखा था कि सबसे कमजोर और सबसे निरीह देशवासी के स्वर को भी गणतन्त्र कि सर्वोच्च संसद में प्रातिध्वनि मिलेगी। संकीर्ण राष्ट्रवाद के इस उन्मादी दौर में हम भारत वासियों को अपनी अंतरात्मा से यह प्रश्न करना होगा कि कहीं हम बापू के सपने के भारत को और वसुदैव कुटुंबकम की विरासत को नष्ट तो नहीं कर रहे हैं।       

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 I am Priyamvada Shekhar , Daughter of Mrinal Shekhar , I also have a YouTube channel as Priyamvada Shekhar [please do check it out] I am a ...